झूम के जब रिन्दो ने पिला दी,
शेख़ ने चुपके चुपके दुआ दी,
एक कमी थी ताजमहल में,
हमने तेरी तस्वीर लगा दी,
आपने झूठा वादा करके,
आज हमारी उम्र बढ़ा दी,
तेरी गली में सजदे करके,
हमने इबादतगाह बना दी,
मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा,
आग से आग बुझा फूल खिला जाम उठा,
ऐ मेरे यार तुझे उसकी कसम देता हूँ,
भूल जा शिकवे गिले हाथ मिला जाम उठा,
एक पल भी कभी हो जाता है सदियों जैसा,
देर क्या करना यहाँ हाथ बढ़ा जाम उठा,
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ,
मयकदे में कोई छोटा न बड़ा जाम उठा
मेरे क़रीब न आओ के मैं शराबी हूँ,
मेरा शवों जगाओ के मैं शराबी हूँ,
ज़माने भर के निगाहों से गिर चुका हूँ मैं,
नज़र से तुम न गिराओ के मैं शराबी हूँ,
ये अर्ज़ करता हूँ गिर कर खुलुश वालों से,
उठा सको तो उठाओ के मैं शराबी हूँ,
तुम्हारी आँख से भर लूँ सुरूर आंखों में,
नज़र नज़र से मिलाओ के मैं शराबी हूँ,
मुझे गुसा दिखाया जा रहा है, तबस्सुम को दबाया जा रहा है,
वहाँ तक आबरू जब्त-ऐ-गम है, जहाँ तक मुस्कुराया जा रहा है,
दो आलम मैंने छोडे जिसके खातिर, वही दामन छुडाया जा रहा है,
क़रीब आने में है उनको तकल्लुफ, वहीँ से मुस्कुराया जा रहा है,
घर से निकले थे हौसला करके,
लौट आए खुदा खुदा करके,
हमने देखा है तज्रुबा करके,
जिन्दगी तो कभी नही आए,
मौत आए जरा जरा करके,
लोग सुनते रहे दिमाग की बात,
हम चले दिल को रहनुमा करके,
किसने पाया सुकून दुनिया मे,
ज़िन्दगानी का सामना करके,
तेरा चेहरा है आईने जैसा, क्यो न देखू है देखने जैसा,
तुम कहो तो मैं पूछ लू तुमसे, है सवाल एक पूछने जैसा,
दोस्त मिल जायेगे कई लेकिन, न मिलेगा कोई मेरे जैसा,
तुम अचानक मिले थे जब पहले, पल नही है वो भूलने जैसा,
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो, मेरी तरह तुम भी झूठे हो,
इक टहनी पर चाँद टिका था, मैंने ये समझा तुम बैठे हो,
उजले उजले फूल खिले थे, बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो,
मुझ को शाम बता देती है, तुम कैसे कपड़े पहने हो,
तुम तन्हा दुनिया से लडोगे, बच्चों सी बातें करते हो,
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह, फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह,
मैंने तुझ से चाँद सितारे कब मांगे, रोशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह,
सूरज सी एक चीज़ तो हम सब देख चुके, सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह,
या धरती के ज़ख्मों पर मरहम रखदे, या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह,
ऐ खुदा रेत के सेहरा को समंदर कर दे, यह छलकती हुयी आखो को भी पत्थर कर दे,
तुझ को देखा नही, महसूस किया है मैंने, आ किसी दिन मेरे अहसास को पय्कर कर दे,
और कुछ डर मुझे, डरकर नही है लकिन, मेरी चादर मेरे पैरो के, बराबर कर दे,
रिश्ता क्या है तेरा मेरा, मैं हूँ शब और तू है सवेरा,
तू है चाँद सितारों जैसा, मेरी किस्मत घोर अँधेरा,
फूलों जैसे राहें तेरी, काटों जैसा मेरा डेरा,
आता जाता है ये जीवन, पल-दो-पल का रैन बसेरा,
ये तो नही के गम नही, हाँ मेरी आँख नम नही,
तुम भी तो तुम नहीं हो आज, हम भी तो आज हम नही,
अब न खुशी की है खुशी, गम का भी अब तो गम नही,
मौत अगर चेमौत है, मौत से ज़ीस्त कम नही,